परमाणु -- मूलद्रव्याचे नाव -- चिन्ह -- आवर्त -- समूह -- रासायनिक श्रेणी -- द्रव्यमान
क्रमांक (Z) -- -- -- -- -- -- (g/mol)
1 -- हाइड्रोजन -- H -- 1 -- 1 -- अधातु -- 1.00794(7)
2 -- हीलियम -- He -- 1 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 4.002602(2)
3 -- लिथियम -- Li -- 2 -- 1 -- क्षार धातु -- 6.941(2)
4 -- बेरेलियम -- Be -- 2 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 9.012182(3)
5 -- बोरान -- B -- 2 -- 13 -- उपधातु -- 10.811(7)
6 -- कार्बन -- C -- 2 -- 14 -- अधातु -- 12.0107(8)
7 -- नाइट्रोजन -- N -- 2 -- 15 -- अधातु -- 14.0067(2)
8 -- ऑक्सीजन -- O -- 2 -- 16 -- अधातु -- 15.9994(3)
9 -- फ्लोरीन -- F -- 2 -- 17 -- हैलोजन्स -- 18.9984032(5)
10 -- नियोन -- Ne -- 2 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 20.1797(6)
11 -- सोडियम -- Na -- 3 -- 1 -- क्षार धातु -- 22.98976928(2)
12 -- मैग्नीशियम -- Mg -- 3 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 24.3050(6)
13 -- एल्युमिनियम -- Al -- 3 -- 13 -- संक्रमण धातु -- 26.9815386(8)
14 -- सिलिकॉन -- Si -- 3 -- 14 -- उपधातु -- 28.0855(3)
15 -- फास्फोरस -- P -- 3 -- 15 -- अधातु -- 30.973762(2)
16 -- गंधक -- S -- 3 -- 16 -- अधातु -- 32.065(5)
17 -- क्लोरीन -- Cl -- 3 -- 17 -- हैलोजन्स -- 35.453(2)
18 -- आर्गन -- Ar -- 3 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 39.948(1)
19 -- पोटैशियम -- K -- 4 -- 1 -- क्षार धातु -- 39.0983(1)
20 -- कैल्सियम -- Ca -- 4 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 40.078(4)
21 -- स्कैंडियम -- Sc -- 4 -- 3 -- संक्रमण धातु -- 44.955912(6)
22 -- टाइटैनियम -- Ti -- 4 -- 4 -- संक्रमण धातु -- 47.867(1)
23 -- वैनेडियम -- V -- 4 -- 5 -- संक्रमण धातु -- 50.9415(1)
24 -- क्रोमियम -- Cr -- 4 -- 6 -- संक्रमण धातु -- 51.9961(6)
25 -- मैंगनीज -- Mn -- 4 -- 7 -- संक्रमण धातु -- 54.938045(5)
26 -- लोहा -- Fe -- 4 -- 8 -- संक्रमण धातु -- 55.845(2)
27 -- कोबाल्ट -- Co -- 4 -- 9 -- संक्रमण धातु -- 58.933195(5)
28 -- निकिल -- Ni -- 4 -- 10 -- संक्रमण धातु -- 58.6934(2)
29 -- ताम्र (कॉपर) -- Cu -- 4 -- 11 -- संक्रमण धातु -- 63.546(3)
30 -- जस्ता (जिंक) -- Zn -- 4 -- 12 -- संक्रमण धातु -- 65.409(4)
31 -- गैलियम -- Ga -- 4 -- 13 -- संक्रमण धातु -- 69.723(1)
32 -- जरमैनियम -- Ge -- 4 -- 14 -- उपधातु -- 72.64(1)
33 -- आर्सेनिक -- As -- 4 -- 15 -- उपधातु -- 74.92160(2)
34 -- सेलेनियम -- Se -- 4 -- 16 -- अधातु -- 78.96(3)
35 -- ब्रोमिन -- Br -- 4 -- 17 -- हैलोजन्स -- 79.904(1)
36 -- क्रिप्टन -- Kr -- 4 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 83.798(2)
37 -- रुबिडियम -- Rb -- 5 -- 1 -- क्षार धातु -- 85.4678(3)
38 -- स्ट्रोन्सियम -- Sr -- 5 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 87.62(1)
39 -- इत्रियम -- Y -- 5 -- 3 -- संक्रमण धातु -- 88.90585(2)
40 -- जर्कोनियम -- Zr -- 5 -- 4 -- संक्रमण धातु -- 91.224(2)
41 -- नियोबियम -- Nb -- 5 -- 5 -- संक्रमण धातु -- 92.906 38(2)
42 -- मोलिब्डेनम -- Mo -- 5 -- 6 -- संक्रमण धातु -- 95.94(2)
43 -- टेक्निशियम -- Tc -- 5 -- 7 -- संक्रमण धातु -- 98.9063
44 -- रूथेनियम -- Ru -- 5 -- 8 -- संक्रमण धातु -- 101.07(2)
45 -- रोडियम -- Rh -- 5 -- 9 -- संक्रमण धातु -- 102.90550(2)
46 -- पलाडियम -- Pd -- 5 -- 10 -- संक्रमण धातु -- 106.42(1)
47 -- चाँदी -- Ag -- 5 -- 11 -- संक्रमण धातु -- 107.8682(2)
48 -- कैडमियम -- Cd -- 5 -- 12 -- संक्रमण धातु -- 112.411(8)
49 -- इण्डियम -- In -- 5 -- 13 -- संक्रमण धातु -- 114.818(3)
50 -- त्रपु -- Sn -- 5 -- 14 -- संक्रमण धातु -- 118.710(7)
51 -- एन्टिमोनी -- Sb -- 5 -- 15 -- उपधातु -- 121.760(1)
52 -- टेलुरियम -- Te -- 5 -- 16 -- उपधातु -- 127.60(3)
53 -- आयोडिन -- I -- 5 -- 17 -- हैलोजन्स -- 126.90447(3)
54 -- ज़ेनान -- Xe -- 5 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 131.293(6)
55 -- सीज़ियम -- Cs -- 6 -- 1 -- क्षार धातु -- 132.9054519(2)
56 -- बेरियम -- Ba -- 6 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 137.327(7)
57 -- लाञ्थनम -- La -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 138.90547(7)
58 -- सेरियम -- Ce -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 140.116(1)
59 -- प्रासियोडाइमियम -- Pr -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 140.90765(2)
60 -- नियोडाइमियम -- Nd -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 144.242(3)
61 -- प्रोमेथियम -- Pm -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 146.9151
62 -- सैमरियम -- Sm -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 150.36(2)
63 -- युरोपियम -- Eu -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 151.964(1)
64 -- ग्याडोलिनियम -- Gd -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 157.25(3)
65 -- टर्बियम -- Tb -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 158.92535(2)
66 -- डिस्प्रोसियम -- Dy -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 162.500(1)
67 -- होल्मियम -- Ho -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 164.93032(2)
68 -- अर्बियम -- Er -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 167.259(3)
69 -- थुलियम -- Tm -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 168.93421(2)
70 -- यिट्टरबियम -- Yb -- 6 -- -- लेन्थेनाइड -- 173.04(3)
71 -- लुटेटियम -- Lu -- 6 -- 3 -- लेन्थेनाइड -- 174.967(1)
72 -- हाफ्नियम -- Hf -- 6 -- 4 -- संक्रमण धातु -- 178.49(2)
73 -- टैंटेलम -- Ta -- 6 -- 5 -- संक्रमण धातु -- 180.9479(1)
74 -- टंग्स्टन -- W -- 6 -- 6 -- संक्रमण धातु -- 183.84(1)
75 -- रेनियम -- Re -- 6 -- 7 -- संक्रमण धातु -- 186.207(1)
76 -- अस्मियम -- Os -- 6 -- 8 -- संक्रमण धातु -- 190.23(3)
77 -- इरिडियम -- Ir -- 6 -- 9 -- संक्रमण धातु -- 192.217(3)
78 -- प्लाटिनम -- Pt -- 6 -- 10 -- संक्रमण धातु -- 195.084(9)
79 -- सोना -- Au -- 6 -- 11 -- संक्रमण धातु -- 196.966569(4)
80 -- पारा -- Hg -- 6 -- 12 -- संक्रमण धातु -- 200.59(2)
81 -- थैलियम -- Tl -- 6 -- 13 -- संक्रमण धातु -- 204.3833(2)
82 -- सीसा -- Pb -- 6 -- 14 -- संक्रमण धातु -- 207.2(1)
83 -- बिस्मथ -- Bi -- 6 -- 15 -- संक्रमण धातु -- 208.98040(1)
84 -- पोलोनियम -- Po -- 6 -- 16 -- उपधातु -- 208.9824
85 -- एस्टाटिन -- At -- 6 -- 17 -- हैलोजन्स -- 209.9871
86 -- रेडन -- Rn -- 6 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 222.0176
87 -- फ्रान्सियम -- Fr -- 7 -- 1 -- क्षार धातु -- 223.0197
88 -- रेडियम -- Ra -- 7 -- 2 -- क्षारीय पार्थिव धातु -- 226.0254
89 -- एक्टिनियम -- Ac -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 227.0278
90 -- थोरियम -- Th -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 232.03806(2)
91 -- प्रोटैक्टीनियम -- Pa -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 231.03588(2)
92 -- युरेनियम -- U -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 238.02891(3)
93 -- नेप्ट्यूनियम -- Np -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 237.0482
94 -- प्लूटोनियम -- Pu -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 244.0642
95 -- अमेरिशियम -- Am -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 243.0614
96 -- क्यूरियम -- Cm -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 247.0703
97 -- बर्केलियम -- Bk -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 247.0703
98 -- कैलीफोर्नियम -- Cf -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 251.0796
99 -- कैलीफोर्नियम -- Es -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 252.0829
100 -- फर्मियम -- Fm -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 257.0951
101 -- मेण्डेलीवियम -- Md -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 258.0986
102 -- नोबेलियम -- No -- 7 -- -- ऐक्टिनाइड -- 259.1009
103 -- लॉरेंशियम -- Lr -- 7 -- 3 -- ऐक्टिनाइड -- 260.1053
104 -- रुथरफोर्डियम -- Rf -- 7 -- 4 -- संक्रमण धातु -- 261.1087
105 -- डब्नियम -- Db -- 7 -- 5 -- संक्रमण धातु -- 262.1138
106 -- सीबोर्गियम -- Sg -- 7 -- 6 -- संक्रमण धातु -- 263.1182
107 -- बोरियम -- Bh -- 7 -- 7 -- संक्रमण धातु -- 262.1229
108 -- हसियम -- Hs -- 7 -- 8 -- संक्रमण धातु -- 265
109 -- मेइट्नेरियम -- Mt -- 7 -- 9 -- संक्रमण धातु -- 266
110 -- डार्म्स्टेडशियम -- Ds -- 7 -- 10 -- संक्रमण धातु -- 269
111 -- रॉन्टजैनियम -- Rg -- 7 -- 11 -- संक्रमण धातु -- 272
112 -- उनउनबियम -- Uub -- 7 -- 12 -- संक्रमण धातु -- 285
113 -- उनउनट्रियम -- Uut -- 7 -- 13 -- संक्रमण धातु -- 284
114 -- उनउनक्वाडियम -- Uuq -- 7 -- 14 -- संक्रमण धातु -- 289
115 -- उनउनपैन्शियम -- Uup -- 7 -- 15 -- संक्रमण धातु -- 288
116 -- उनउनहैक्षियम -- Uuh -- 7 -- 16 -- संक्रमण धातु -- 292
117 -- उनउनसैप्क्षियम -- Uus -- 7 -- 17 -- हैलोजन्स -- 295
118 -- उनउनऑक्षियम -- Uuo -- 7 -- 18 -- अक्रिय गैस -- 294
* लिथियम
०१. (Li) ( अणुक्रमांक ३) हा अल्कली धातूरूप रासायनिक पदार्थ आहे. हा घनस्वरूपात आढळतो.
०२. ग्रीक भाषेतील शब्द लिथॉस म्हणजे दगड या अर्थाने या धातूस लिथियम नाव देण्यात आले आहे. १८१७ साली स्वीडिश रशायनशास्त्रज्ञ आर्फेडसन यांनी लिथियमचा शोध लावला. तर १८५५ साली जर्मन रशायनशास्त्रज्ञ बुनसेन आणि इंग्लिश रशायनशास्त्रज्ञ मॅथिसन यांनी स्वतंत्रपणे, वितळलेल्या लिथियम क्लोराईडपासून विद्युतविच्छेदन करून लिथियमची शुद्ध प्रत मिळविली.
०३. लिथियम हा धातू मृदु व रुपेरी रंगाचा असून पाण्यापेक्षा अर्ध्या वजनाचा आहे, हलकेपणात लिथियमचा कोणीच प्रतिस्पर्धी नाही. त्याच्यापेक्षा ऍल्युमिनियम ५ पट, लोखंड १५ पट आणि ओस्मियम ४० पट अधिक वजनदार आहेत.
०४. सभोवतालच्या सर्वसाधारण तपमानातदेखील लिथियम हवेतील हायड्रोजन , नायट्रोजन आणि ऑक्सिजन यांच्याशी द्रुतगतीने प्रक्रिया पावतो. म्हणून लिथियम वॅसलीन किंवा तत्सम मेण्चट पदार्थात खोल साठवून ठेवतात.
०५. हायड्रोजनशी संयोग पावण्याच्या या गुणधर्मामुळे लिथियम अनेक ठिकाणी उपयोगी पडतो. पाणबुडीतील हवा शुद्ध करण्यासाठी, विमानातील श्वसन उपकरणांमध्ये, वातानुकूल उपकरणांमध्ये लिथियमचा उपयोग होतो. यासोबतच लिथियमचा उपयोग पदार्थास खास प्रकारची चकाकी देण्यात, रंगांमध्ये, चिनी मातीच्या वस्तुंमध्ये करतात.
०६. लिथियम फ्ल्युरॉक्साइड पासून तयार करण्यात येणारी विशेष काच अतिउच्च पारदर्शकता या गुणामुळे दुर्बिणीसाठी वापरतात.या काचेतून अल्ट्रा व्हायोलेट प्रकाश आरपार जाऊ शकतो.
०७. लिथियमची काही संयुगे स्टिअरेट, पामिटेट वगैरे विस्तृत तपमानातही आपले भौतिक गुणधर्म टिकवून ठेऊ शकत असल्याने त्यापासून उत्तम प्रकारचे वंगण तयार करता येते. जिथे ० अंश से. च्या खाली तपमान जाते अशा ठिकाणी मोटारींमध्ये हे वंगण वापरले जाते. बेरिलियम, तांबे , जस्त आणि चांदी यांचे लिथियम युक्त मिश्रधातू विविध क्षेत्रात मान्यता पावलेले आहेत.
०८. सहसा आवर्त सारणीच्या डाव्या कोपऱ्यातील मूलद्रव्ये भूकवचात विपूल प्रमाणात आढळतात पण सोडियम , पोटॅशियम, मॅग्नेशियम, कॅल्शियम आणि ऍल्युमिनियम या सगळ्यांपेक्षा लिथियम काहीसे दुर्मिळ आहे. या पदार्थाची किमान २० प्रकारची खनिजे निसर्गात सापडतात
हायड्रोजन
हायड्रोजन अणुक्रमांक : १
शोध:-
०१. H2 स्वरूपातील हायड्रोजन वायू पॅरासेल्सस ह्या स्विस अल्केमिस्टने प्रथम तयार केला. त्याने धातू आणि तीव्र आम्ल ह्यांच्या प्रक्रियेमधून हा ज्वलनशील वायू तयार केला. त्याला त्या वेळेस हायड्रोजन हे एक रासायनिक मूलद्रव्य आहे ह्याची कल्पना नव्हती.
०२. १६७१ मध्ये रॉबर्ट बॉइल ह्या आयरिश रसायनशास्त्रज्ञाने हायड्रोजनचा पुन्हा शोध लावला व सौम्य आम्ल आणि लोखंडाच्या चूर्णाच्या प्रक्रियेतून हायड्रोजन वायूच्या उत्पादनाचा तपशील दिला.
०३. १७६६ मध्ये हेन्री कॅव्हेंडिश ह्या ब्रिटिश शास्त्रज्ञाने हायड्रोजनला एक स्वतंत्र पदार्थ म्हणून मान्यता दिली. धातू आणि आम्ल यांच्या प्रक्रियेतून निर्माण होणाऱ्या या वायूस त्याने "ज्वलनशील हवा" असे नाव दिले आणि ह्या वायूच्या ज्वलनातून पाणी तयार होते हे त्याने शोधले. अर्थात त्याने हायड्रोजन हा आम्लामधून मुक्त झालेला नसून पाऱ्यामधून मुक्त झालेला घटक आहे असा चुकीचा निष्कर्ष काढला. पण हायड्रोजनच्या अनेक कळीच्या गुणधर्मांचे त्याने अचूक वर्णन दिले. असे असले तरी, मूलद्रव्य म्हणून हायड्रोजनचा शोध लावण्याचे श्रेय सर्वसाधारणपणे त्यालाच दिले जाते.
०४. १७८३ मध्ये आंत्वॉन लवॉसिए ह्या फ्रेंच रसायनशास्त्रज्ञाने या वायूच्या ज्वलनामुळे पाणी तयार होते, म्हणून त्या वायूला हायड्रोजन असे नाव दिले. हायड्रोजनच्या नावाची उत्पत्ती-प्राचीन ग्रीक भाषेतील हायडॉर म्हणजे पाणी, तर जेनेस म्हणजे तयार करणे या शब्दांच्या संयोगातून झाली आहे. हायड्रोजनच्या ज्वलनातून पाणी तयार होते म्हणून 'पाणी तयार करणारा' अर्थात 'हायड्रोजन' असे त्याचे नामकरण केले.
०५. हायड्रोजनचे औद्योगिकरीत्या उत्पादन मिथेनसारख्या कर्बोदकापासून केले जाते. इलेक्ट्रॉलिसिस पद्धतीने पाण्यापासूनही हायड्रोजन तयार करता येतो, पण नैसर्गिक वायूपासून हायड्रोजन मिळवण्यापेक्षा ही पद्धत खूपच जास्त महाग पडते.
०६. हायड्रोजन हे खनिज तेलापेक्षा ऊर्जा निर्मितीच्या बाबतीत सर्वात कार्यक्षम इंधन ठरते. पेट्रोल दर लिटरमध्ये ४२००० बी. टी. यु.(ब्रिटिश थर्मल युनिट) तर द्रव हायड्रोजन दर लिटरला १,३४,५०० बी. टी. यु. एवढी उष्णता निर्माण करतो. परंतु याच्या निर्मितीचा खर्च परवडत नसल्यामुळे हायड्रोजन हे प्रचलित साधन होण्यात अडचण येत आहे.
०७. गुणधर्म :- हायड्रोजन H ह्या चिन्हाने दर्शवितात. सामान्य तापमानाला आणि दाबाला हायड्रोजन वायुरूपात असतो. हायड्रोजन हा रंगहीन, गंधहीन, चवरहित व अतिशय ज्वलनशील वायू आहे. स्थिर स्वरूपात असताना हायड्रोजन रेणू प्रत्येकी २ अणूंनी बनलेले असतात. हायड्रोजन हे सर्वांत हलके मूलद्रव्य आहे. विश्वात आढळणाऱ्या सर्व पदार्थांच्या वजनापैकी ७५ टक्के वजन हायड्रोजनचे आहे.
०८. हे विश्वात सर्वाधिक आढळणारे मूलद्रव्य आहे. विश्वातील बहुतेक ताऱ्यांमध्ये मुख्यत्वे हायड्रोजन हेच मूलद्रव्य प्लाज्मा या स्वरूपात सापडते. पृथ्वीवर हायड्रोजन क्वचित मूलद्रव्य स्वरूपात आढळतो.
०९. हवेमध्ये हायड्रोजन अतिशय जलदपणे पेट घेऊ शकतो. ६ मे १९३७ रोजी हिंडेनबर्ग अपघात त्यातील हायड्रोजनने जलद पेट घेतल्याने झाला. हायड्रोजन वायू इतका ज्वलनशील असतो की एकूण हवेमध्ये तो ४ टक्के इतका कमी असला तरी पेट घेऊ शकतो. त्याच्या ज्वलनाची ऊर्जाशक्ती २८६ किलो जूल/मोल एवढी आहे. हायड्रोजनच्या ज्वलनाचे रासायनिक समीकरण :2H2(g) + O2(g) → 2H2O(l) + ५७२ किलोजूल (२८६ किलोजूल/मोल)
१०. हायड्रोजन वायू संक्रमणी धातूंमध्ये व विरळा मृद्धातूंमधे अतिशय सहज विरघळू शकतो. तसेच तो स्फटिक धातूंमधे व अस्फटिक धातूंमध्येही विरघळतो. हायड्रोजनची विरघळण्याची क्षमता ह्या धातूंच्या स्फटिकांच्या स्थानिक विकृती आणि अशुद्धतेमुळे वाढते.
११. प्राणवायू बरोबर वेगवेगळ्या प्रमाणात मिसळून पेटवला असता हायड्रोजनचा स्फोट होतो. हवेमध्ये तो अतिशय जोरदार पेटतो. हायड्रोजन-प्राणवायूच्या ज्वाला अतिनील ऊर्जालहरी असतात आणि त्या साध्या डोळ्यांना जवळजवळ अदृश्य असतात. त्यामुळे हायड्रोजनची गळती आणि ज्वलन नुसते बघून ओळखणे अवघड असते.
१२. हायड्रोजनच्या ज्वलनाचे आणखी एक वैशिष्ट्य म्हणजे त्याच्या ज्वाला अतिशय जलदपणे हवेत वर जातात, त्यामुळे हायड्रोकार्बनच्या आगीपेक्षा त्यातून कमी नुकसान होते. म्हणूनच हिंडेनबर्ग अपघातातील दोन-तृतीयांश लोक हायड्रोजनच्या आगीतून वाचले.
१३. महत्व / उपयोग :- या मूलद्रव्य स्वरूपात तयार केलेल्या हायड्रोजनचा वापर संरक्षित पद्धतीने उत्पादनाच्या स्थळीच केला जातो. अशा हायड्रोजनचा वापर मुख्यत्वे खनिज- इंधनांच्या श्रेणीवाढीसाठी व अमोनियाच्या उत्पादनासाठी केला जातो.
१४. हायड्रोजन बहुतांशी मूलद्रव्यांबरोबर संयुग तयार करू शकतो, आणि बहुतांशी अतिशुद्ध संयुगांचा तो घटक असतो. आम्ल-अल्कली यांच्या रसायनशास्त्रात हायड्रोजनची प्रमुख भूमिका असते.
१५. अनेक धातू हायड्रोजनच्या शोषणामुळे ठिसूळ होत असल्याने हायड्रोजनचे विद्रवण आणि शोषण ह्यांचे गुणधर्म धातुशास्त्राच्या दृष्टीने आणि त्याला सुरक्षित पद्धतीने साठवून ठेवण्याच्या दृष्टीने अतिशय महत्त्वाचे असतात.
१६. सुरुवातीस हायड्रोजनचा उपयोग मुख्यत्वे फुगे आणि हवाई जहाजे बनवण्यासाठी होत असे. H2 हा वायू सल्फ्यूरिक आम्ल आणि लोह ह्यांच्या प्रक्रियेतून मिळवला जात असे. हिंडेनबर्ग हवाईजहाजातही H2 वायूच होता, त्यास हवेमध्येच आग लागून त्याचा नाश झाला. नंतर H2 च्या ऐवजी हवाई जहाजांमध्ये आणि फुग्यांमध्ये हळूहळू हेलियम हा उदासीन वायू वापरण्यास सुरुवात झाली.
* हेलियम
०१. हेलियम हा एक रंगहीन, गंधहीन, चवरहीत, बिनविषारी, उदासीन वायू आहे. हेलियम हे २ अणूक्रमांकाचे रासायनिक मूलद्रव्य आहे.
०२. हेलियमचा वितळण्याचा आणि वायूरूप होण्याचा बिंदु सर्व मूलद्रव्यात सर्वात कमी आहे. अतिशय पराकोटीच्या कमी तपमानाचा अपवाद सोडता हेलियम नेहेमी वायूरूपातच सापडतो.
०३. हेलियमचा शोध १८ ऑगस्ट १८६८ रोजी सूर्याच्या क्रोमोस्फियरच्या लहरींचा पटलातील गडद पिवळ्या रेघेवरून लागला. हेलियमचे नामकरण हे ग्रीक भाषेतील हेलियॉस अशा सूर्य ह्या अर्थी शब्दावरूनच करण्यात आले आहे.
०४. सिंधुदुर्गातील विजयदुर्ग हेलियम वायूच्या शोधाचा साक्षीदार आहे. १८ ऑगस्ट १८६८ रोजी ब्रिटिश खगोलशास्त्रज्ञ सर नॉर्मन लॉकियर यांनी याच किल्ल्यावरुन, हेलियमचा शोध लावला होता . विजयदुर्गावर मुक्कामी असतांना, सूर्याभोवती असणा-या पिवळ्या रंगाच्या रेषा म्हणजेच हेलियम वायु असल्याचा शोध लॉकियर यांनी लावला. त्यामुळेच १८ ऑगस्ट हा 'हेलियम डे' म्हणून जगभरात साजरा केला जातो. हेलियमच्या जन्माचे ठिकाण म्हणून विजयदुर्गचे नाव जगभर प्रसिद्ध आहे.
* बेरिलियम
०१. (Be) (अणुक्रमांक ४) बेरिलियम (बिडूर) हा एक असा धातू आहे की जो पाण्यात बुडत नाही. हा धातू पोलादापेक्षाही ताकदवान आहे, रबरासारखा लवचिक, प्लॅटिनम सारखा कठीण आणि कायमचा टिकाऊ आहे.
०२. उत्कृष्ट उष्णता वाहकता, उष्णता संचयनाची उच्च क्षमता आणि उष्णता रोधकता हे गुण बेरिलियमच्या अंगी असल्याने याचा वापर अवकाश अभियांत्रिकीत शक्य झाला.
०३. बेरिलियमपासून तयार होणारे भाग आपली तंतोतंत घडण आणि काटेकोर आकार फार उत्तम प्रकारे टिकवू शकतात. यामुळे अग्निबाणांची, अवकाशयानांची, कृत्रिम उपग्रहांची स्थैर्यता राखणाऱ्या आणि दिशानिश्चिती करणाऱ्या गायरोस्कोप उपकरणात बेरिलियमपासून बनविलेले भाग मोठ्या प्रमाणात वापरले जातात.
०४. बेरिलियमचे ज्वलन होतांना दर कि. ग्रॅ. ला १५,००० किलोकॅलरी एवढी प्रचंड उष्णता बाहेर पडते म्हणून पृथ्वीबाहेर होणाऱ्या अवकाश उड्डाणात एक अत्यंत कार्यक्षम इंधन म्हणूनही बेरिलियमचा उपयोग करण्याच्या दृष्टीने विचार होत आहेत.
०५. अति हलक्या धातूंपैकी एक असूनही बेरिलियम उत्कृष्ट ताकदीचे आहे. शिवाय मॅग्नेशियम, अॅल्युमिनियम यांच्या पेक्षाही त्याचा उकळणबिंदू जास्त वरचा आहे.
०६. बेरिलियम आणि तांबे यांच्या बेरिलियम-ब्राँझ नामक मिश्रधातूचे अनेक प्रकार विमान उद्योगात विस्तृतपणे वापरले जातात. आवश्यक असलेली उच्च ताकद, सतत होणाऱ्या ताणामुळे येणारी मरगळ दूर ठेवण्याची क्षमता, गंजरोधकता हे गुण बेरिलियम-ब्राँझ या मिश्र धातूच्या अंगी आहेत. या कारणाने विमानात वापरले जाणारे १,००० पेक्षाही जास्त सुटे भाग हे बेरिलियम-ब्राँझ पासुन बनविलेले असतात.
०७. या मिश्रधातूचा उपयोग काही हत्यारे बनविण्यासाठीही होतो व त्यांचा वापर स्फोट होऊ शकेल अशा ठिकाणी केला जातो. कारण या मिश्रधातूच्या आपटण्याने कोणत्याही प्रकारची ठिणगी निघत नाही. बेरिलियम- मॅग्नेशियम, बेरिलियम-लिथियम ही संयुगेही मोठ्या प्रमाणात वापरली जातात.
०८. बेरिलियमच्या अनेक खनिजांपैकी पाचू , बेरूज, हेलियोडोर, वैडूर्य , फेनाकाइट, युक्लेज, हेमवैदूर्य , व्हेरोबायेव्हाइट आणि अॅलेझांड्राइट असे काही विशेष गाजलेले खनिज पदार्थ आहेत. यापैकी हिरव्या एमराल्डची चमक, रंगाची शुद्धता, काळीशार वाटणारी गडद हिरव्या रंगापासून ते नेत्रदीपक चमचमत्या मोरपंखी रंगाचे अनेक प्रकार कित्येक शतकांपासून मानवाला भुरळ घालत आले आहेत. तर अॅलेझांड्राइट हा विस्मयजनक प्रकार असून तो दिवसा गर्द हिरव्या रंगाचा असतो तर हा रात्रीच्या कृत्रिम प्रकाशात किरमिजी रंगात दिसतो.